वैशाली लोकसभा सीट. ये वही सीट है जहां से रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव लड़ते थे. हम सीधे-सीधे ये कह सकते हैं कि 1996 से 2014 तक वे मेरे सासंद रहें. रघुवंश प्रसाद सिंह को लोग 'ब्रह्म बाबा' कहते थे. उनके समर्थक इस नाम को इज्जत से लेते थे तो कुछ विरोधी मजाक भी बनाते थे. रघुवंश प्रसाद सिंह ऐसे पहले बड़े नेता थे जिन्हें मैंने देखा. 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद से रघुवंश प्रसाद सिंह मैदान में थे तो उनके सामने बाहुबली मुन्ना शुक्ला. उस समय इस बात की खूब चर्चा हुई कि रघुवंश प्रसाद सिंह यानि 'ब्रह्म बाबा' का समय खत्म हो चुका है और वे बूढ़ा गए हैं. मुझे याद है कि इसके जवाब में उन्होंने एक जनसभा में इस तरह का शायद कुछ कहा था कि 'लईका बार-बार, बूढ़वा एक के बार'. उस चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह जीत गए. इस दौरान जब भी मैंने देखा वो लगातार घर-घर न सही लेकिन अपने क्षेत्र में आते-जाते रहे, कई बार किसी के दुख-सुख में भी उनको पहुंचते हुए देखा. 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ, हमें ये लगता था कि चाहे जितनी भी मोदी लहर हो, राजद और कांग्रेस की हवा खराब हो लेकिन रघुवंश प्रसाद सि...
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