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Showing posts from August, 2016

भागवत जी, लोगों के विकास के लिए प्रेरक बनिए रोधक नहीं

मोहन भागवत द्वारा   ज्यादा बच्चे पैदा की अपील पर उनको मेरा खत. मोहन भागवत जी, नमस्कार. भागवत जी , बात शुरू करने से पहले बता दूँ , मैं न आपका फैन हूँ न फॉलोअर. इसलिए ये पत्र   लिख रहा हूँ , यह जानते हुए की पत्र आप तक नहीँ पहुंच पाएगा जिसका दुख मुझे हमेशा रहेगा. अब बात शुरू करते हैं. मुझे नहीं लगता आप समाज (मेरी नज़र में समाज) यानि अपने हिंदू भाइयों के शुभचिंतक हैं. सर क्यों आप अच्छे अौर समझदार लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए भड़का रहे हैं ? इससे आप का क्या फायदा है ? मुझे जहाँ तक लगता है, एक आप अपने फैन और फॉलोअर की संख्या बढाना चाहते हैं ,  दूसरा आप मुसलमानों के बढ़ती आबादी से चिंतित है अौर तीसरा हिंदू धर्म को बढ़ाना तथा बचाना चाहते हैं. भागवत जी,  मुसलमानों की बढ़ती आबादी को हिन्दूओं से ज्यादा बच्चे पैदा करा कर कंट्रोल करना चाहते हैं या मुकाबले के लिए तैयार. यहाँ पर एक सवाल उठता है , आप केवल मुसलमानों की बढ़ती आबादी को कंट्रोल करना चाहते हैं या फिर उनके बढ़ते टायर , पंचर,   सैलून,   टेलर,  पार्चून की दुकानों , जड़ी के कारखानों , ह...