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Showing posts from February, 2020

BBC...तुमको न भूल पाएंगे!

दुनिया बहुत बदल चुकी है. अब छोटे-छोटे शहरों के सबसे छोटे क़स्बे में भी रंगीन टीवी, डिश और मोबाइल की सुविधा लगभग पहुँच चुकी है. रेडियो की उपयोगिता किसी भी जानकारी के लिए बहुत सीमित हो गई है.  लेकिन मुझे याद है कि सन 2000 से पहले से रेडियो मेरे जीवन में आज के मोबाइल जैसे थे. गीत सुनने के लिए स्कूल से भाग कर आते थे. समाचार जानने के लिए रेडियो लेकर चलते थे और मैच की कॉमेंट्री सुनने के लिए साथ में लेकर सोते थे. सन 2003 में वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट का ऐसा बुखार चला कि रेडियो के कांटे बदल-बदल कर देखते थे कि कुछ पता चल जाए. इसी दौरान एक दिन कांटा बीबीसी के कार्यक्रम पर रुक गया जिसमें भारत और हॉलैंड के बीच हुए हॉकी के मैच की जानकारी दी जा रही थी. फिर वहां से मेरा और बीबीसी का सफ़र शुरू हुआ और फिर बीबीसी के कार्यक्रम का भी बुखार हो गया बल्कि प्यार हो गया. वहीं से बीबीसी से जुड़ने का सिलसिला शुरू हुआ. उस समय सुबह 6:30, 8:00 और शाम में 7:30 और 9:30 बजे प्रोग्राम आते थे. फिर इन सभी कार्यक्रमों का नशा सा लग गया. बिना सुने नींद ही नहीं आती थी. 'बीबीसी हिंदी' सुनते ही दिल को सुकून मिलता था....