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सुशांत सिंह राजपुत और राहुल गांधी


राजनीति और बॉलीवुड को मिक्स करना सही तो नहीं होगा और नहीं किसी एक्टर की किसी नेता से तुलना करना लेकिन राहुल गांधी को देखकर कई बार हिम्मत बनती है. मैं ख़ुद को उनके सामने रख कर देखता हूं तो टूट जाता हूं. इसके पीछे कई कारण है.
सुशांत सिंह राजपुत की आत्महत्या के पीछे की कुछ भी सही जानकारी अभी हमारे पास नहीं है. लोग असफलता (हालांकि किसी भी दृष्टि से उन्हें असफल नहीं कहा जा सकता फिर भी हो सके उन्हें कोई कमी लगी हो), रिलेशनशिप और कई तरह की बातें कर रहे हैं. इस मौके पर मुझे राहुल गांधी की इसलिए याद आई कि इस बंदे की पिछले 7 सालों में ऐसी इमेज़ बनाई गई, एडिट कर-करके इतना बड़ा पप्पू बनाया गया कि हर तरफ लोग उनका नाम सुनते ही हंस देते हैं.
हालांकि राजनीति में ये सब होता है लेकिन जिस प्रकार का प्रहार राहुल गांधी पर हुआ ऐसा शायद ही किसी पर हुआ होगा या उसकी इमेज़ ही वैसी रही होगी. ऐसे में किसी भी इंसान के लिए मुश्किल होता है इतना मजाक और ऐसा मजाक कि अगर आप किसी बच्चे या किसी के साथ भी कहीं पर करके देख लें वे आपसे कतराने लगेंगे, छुपने लगेंगे, कैद होने लगेंगे, कॉन्फिडेंस खोने लगेंगे लेकिन राहुल लगातार हिम्मत के साथ लोगों के सामने आते हैं, टूटते-फूटते मीडिया से भी बात करते हैं और सभी चीजों का सामने करते हैं. गलती करते हैं लेकिन बोलते हैं. मजाल है जो इनको ऊपर किसी तरह का दुख और दर्द दिखा हो, फ्रस्ट्रेशन या इरिटेशन दिखा हो. उनके नेतृत्व में पार्टी सबसे दयनीय स्थिति में है. 
राहुल गांधी लिए ये और भी मुश्किल इसलिए भी है कि वो उस परिवार के लाल है, जिसके परनाना, दादी, पिता प्रधानमंत्री रहे हैं, जब उनके पास पार्टी कमान पहुंची तो उनकी माता दो बार कांग्रेस की सरकार बनवा चुकी थीं लेकिन राहुल गांधी के साथ विपक्ष और जनता का बर्ताव भी ठीक नहीं रहा. उनकी हर चीज में कमी ही कमी दिखती है, मीडिया जबरदस्ती जहां जरूरत नहीं होती वहां भी सवाल करती है लेकिन ये आदमी हिलता नहीं है. चेहरे पर वही मुस्कान रहती है चाहे उनके नेतृत्व में बनी सरकार भी गिरा दी जाये.
मैं सोचता हूं शायद ऐसा किसी दूसरे के साथ हुआ होता तो क्या वो राजनीति ही नहीं किसी और फिल्ड में भी होता तो ऐसे सहन कर पाता लेकिन राहुल कर जाते हैं और इसलिए मुझे हिम्मत मिलती है उनसे. राहुल हिम्मतवाले हैं उनके रिलेशनशिप को लेकर भी तमाम बातें कही जाती है लेकिन उसे भी इग्नोर करते हैं. राहुल से राजनीति नहीं सीखी जा सकती है मान लिया लेकिन जीने की कला राहुल के पास दूसरों से बेहतर है.

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